पाठ-प्रस्तुतिकरण
क्र.
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प्रतिभागी का नाम
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समूह
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पाठ-प्रस्तुतिकरण हेतु उपविषय
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संभावित दिनांक
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सदन से समीक्षक का नाम
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1
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सुश्री गीता मर्दवाल
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बच्चन
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1.दिन जल्दी-जल्दी ढलता है : बच्चन – पाठ का अनुभूति पक्ष / अथवा
2.पत्रकारिता एवं जनसंचार से किसी एक विषय पर प्रस्तुतिकरण
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18 मई
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द्विवेदी समूह
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2
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श्री भूपेश सिंह
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द्विवेदी
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1. जामुन का पेड़ – क़ष्ण चंदर : व्यवस्था पर सार्थक व्यंग्य और शब्दशक्ति से अवगत कराना / अथवा
2. सोदाहरण एक पुस्तक-समीक्षा करना सिखाना
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18 मई
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मुक्तिबोध समूह
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3
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श्री तेजनारायण सिंह
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बच्चन
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1.वे आंखें – पंत : तत्कालीन और वर्तमान परिस्थियों के बीच प्रासंगकिता / अथवा
2. सोदाहरण आलेख तैयार करना सिखाना
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18 मई
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मन्नू भंडारी समूह
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4
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अय्यर रेवती राजाराम
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मुक्तिबोध
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1. अलंकार – उच्चतर कक्षापयोगी / अथवा
2. सोदाहरण रिपोर्ट लेखन सिखाना
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18 मई
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बच्चन समूह
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5
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डॉ. अमिताभ शर्मा
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बच्चन
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1.कार्यालयीन पत्र लेखन / अथवा
2. पतंग – आलोक धन्वा में बालमन का चित्रण
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18 मई
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मुक्तिबोध समूह
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6
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सोहन राम गौतम
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मुक्तिबोध
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1. अपठित गद्यांश शिक्षण / अथवा
2. उषा - शमशेर बहादुर सिंह
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19 मई
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मन्नू भंडारी समूह
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7
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डॉ. अश्विनी कुमार शिवहरे
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बच्चन
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1. बाजार-दर्शन : बाजारवाद के आलोक में
/ अथवा
2. पत्रकारिता एवं जनसंचार से किसी एक विषय पर प्रस्तुतिकरण
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19 मई
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द्विवेदी समूह
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8
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श्रीमती एन. सत्यलक्ष्मी
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मन्नू
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1.भक्तिन- महादेवी वर्मा : पाठ में स्त्री-संघर्ष के प्रति विद्यार्थियों की संवेदना और जागरुकता का विस्तार /किसी अंश को लेकर/
अथवा
2. सोदाहरण संपादकीय लेखन सिखाना
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19 मई
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मुक्तिबोध समूह
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9
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डॉ. सुश्री नीति शास्त्री
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बच्चन
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1.मेरी कल्पना का आदर्श समाज - डॉ. अम्बेडकर : पाठ का सफल सम्प्रेषण / अथवा
2. सोदाहरण अपठित काव्यांश बोध कराना
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19 मई
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द्विवेदी समूह
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10
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शरीफ आलम
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द्विवेदी
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1.कवितावली (उत्तरकांड से) - तुलसीदास : युगबोध से विद्यार्थियों को अवगत कराना /अथवा
2. सोदाहरण अनुच्छेद लेखन सिखाना
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19 मई
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मुक्तिबोध समूह
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11
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श्री किशोर पांचाले
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मुक्तिबोध
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1. श्रम-विभाजन और जातिप्रथा - डॉ. आम्बेडकर : पाठ में दूरदर्शिता से विद्यार्थियों को अवगत कराना / अथवा
2. रुबाइयां - फ़िराक गोरखपुरी : भाषिक सौंदर्य एवं सांस्क्रतिक चित्रण
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20 मई
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मन्नू भंडारी समूह
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12
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एस.के. पाण्डेय
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मन्नू
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1.आलो-आंधारि - बेबी हालदार : पाठ में स्त्री-चेतना के प्रति विद्यार्थियों के रुझान को विकसित करना / अथवा
2. छोटा मेरा खेत-उमाशंकर जोशी : रचनाधर्म और क़षि कर्म की तुलना के लिहाज से
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20 मई
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बच्चन समूह
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13
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श्री महेश पाण्डेय
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बच्चन
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1. अतीत में दबे पांव - ओम थानवी : पाठ में अतीत को वर्तमान में लाने की चुनौती और सांस्क्रतिक अस्मिता से परिचित कराना /अथवा
2. सोदाहरण संपादकीय लेखन सिखाना
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20 मई
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द्विवेदी समूह
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14
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श्री शत्रुघ्न सिंह
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द्विवेदी
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1.सहर्ष स्वीकारा है - मुक्तिबोध : कविता के केन्द्रीय भाव का विद्यार्थियों के प्रति सम्प्रेषण
/अथवा
2. सोदाहरण रिपोर्ट लेखन सिखाना
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20 मई
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मुक्तिबोध समूह
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15
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श्रीमती शोभना पी.के
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मुक्तिबोध
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1. डायरी के पन्ने - एन फ्रेंक : के किसी अंश को लेकर पाठ की भाषागत विशेषता के साथ केन्द्रीय भाव का विद्यार्थियों के प्रति सम्प्रेषण /अथवा
2. बगुलों के पंख - उमाशंकर जोशी : अनुवाद विधा के लिहाज से भाव रूपांतरण का सौंदर्य
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20 मई
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मन्नू भंडारी समूह
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16
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डॉ. बी. उमापति जैन
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मन्नू
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1.शिरीष के फूल - हजारी प्रसाद द्विवेदी : का भाषा-पक्ष एवं केन्द्रीय भाव विद्यार्थियों तक सम्प्रेषित करना /अथवा
2. हम तौ एक-एक करि जाना – कबीर : मूल्यों की प्रासंगिकता
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20 मई
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बच्चन समूह
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17
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डॉ. पूनम त्यागी
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द्विवेदी
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1.भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ लता मंगेशकर - कुमार गंधर्व : पाठ के रचनात्मक पक्ष का विद्यार्थियां तक सम्प्रेषण/ अथवा
2. सोदाहरण आलेख तैयार करना सिखाना
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21 मई
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मुक्तिबोध समूह
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18
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श्री वी. के. मिश्रा-
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मुक्तिबोध
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1. विदाई संभाषण- बालमुकुंद गुप्त : कथ्य और व्यंग्य का विद्यार्थियों तक सम्प्रेषण/ अथवा
2. घर की याद - भवानी प्रसाद मिश्र -: भाषाई सरलता और भावप्रवणता
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21 मई
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द्विवेदी समूह
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19
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श्रीमती सीमा शर्मा
|
मन्नू
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1.आओ, मिलकर बचाएं - निर्मला पुतुल : कविता का उचित आरोह-अवरोह के साथ वाचन से कथ्य की सम्प्रेषणीयता / अथवा
2. सोदाहरण पुस्तक-समीक्षा करना सिखाना
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21 मई
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बच्चन समूह
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20
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डॉ. योगेन्द्र कुमार पाण्डेय
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बच्चन
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1.कैमरे में बंद अपाहिज - रघुवीर सहाय : कविता का वर्तमान संचार माध्यमों में नैतिकता की समस्या के आलोक में विद्यार्थियों तक समुचित सम्प्रेषण/ अथवा
2. गज़ल - दुष्यंत कुमार : समकालीनता और व्यवस्था के प्रति सार्थक आक्रोश के लिहाज से
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21 मई
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मन्नू भंडारी समूह
|
21
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श्री संजय कुमार काटोले
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द्विवेदी
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1.काले मेघा पानी दे - धर्मवीर भारती : में निहित मूल्यों का सफल सम्प्रेषण /अथवा
2. सोदाहरण एक फीचर तैयार करना सिखाना
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21 मई
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बच्चन समूह
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22
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श्री चन्द्रभूषण तिवारी
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मुक्तिबोध
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1.चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती – त्रिलोचन : में बालमन का भावपक्ष एवं सामाजिक परिस्थितियां / अथवा
2. हे भूख! मत मचल - अक्क महादेवी : दार्शनिक पक्ष और आध्यात्मिक मूल्य
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23 मई
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द्विवेदी समूह
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23
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शतेन्द्र कुमार शुक्ल
|
मन्नू
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1.सबसे खतरनाक - अवतार सिंह पाश : की शब्द-शक्ति, प्रतीकात्मकता और फैंटेसी /अथवा
2. किसी पठित काव्यांश/छोटे अंश से अर्थग्रहण सम्बन्धी छोटे-छोटे प्रश्नों के उत्तर तैयार करना विद्यार्थियों को सिखाना
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23 मई
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मुक्तिबोध समूह
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24
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डॉ. चन्द्रजीत यादव
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बच्चन
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1.बात सीधी थी पर - कुंवर नारायण : कविता में कवि का भाषा के प्रति दृष्टिकोण के आलोक में केन्द्रीय भाव / अथवा
2. पहलवान की ढोलक- फणीश्वर नाथ रेणु : अदम्य जिजीविषा की अभिव्यक्ति और आंचलिकता के द़ष्टिकोण से
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23 मई
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मन्नू भंडारी समूह
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25
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डॉ. सीमा शरण
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द्विवेदी
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1.मेरे तो गिरधर गोपाल – मीरा : का आदर्श वाचन एवं केन्द्रीय भाव स्त्री-चेतना के दृष्टिकोण से / अथवा
2. किसी पठित काव्यांश/छोटे अंश से सौन्दर्यबोध या व्याकरण सम्बन्धी विविध छोटे-छोटे प्रश्नों के उत्तर तैयार करना विद्यार्थियों को सिखाना
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23 मई
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बच्चन समूह
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26
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डॉ. प्रमोद कुमार शर्मा
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मुक्तिबोध
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1.नमक का दारोगा – प्रेमचंद : युगप्रवर्तक कहानी में आदर्श और यथार्थ के द्वंद्व से सम्यक् जीवन मूल्य विद्यार्थी तक पहुंचाना-
/अथवा
2. पत्रकारिता एवं जनसंचार से किसी एक विषय पर प्रस्तुतिकरण
|
23 मई
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द्विवेदी समूह
|
27
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श्रीमती अनुराधा पाण्डेय
|
मन्नू
|
1.कविता के बहाने- कुंवर नारायण : की भाषा-शैली एवं केन्द्रीय चिंतन
2. चार्ली चैप्लिन यानी हम सब-विष्णु खरे : कला संस्क्रति की वैश्विकता और जनसाधारण की जीवन से सम्बद्धता
|
24 मई
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मुक्तिबोध समूह
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28
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श्री सत्य ब्रत जायसवार
|
बच्चन
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1.गलता लोहा- शेखर जोशी : कहानी के विकासक्रम में कथानकों हुए परिवर्तन के आलोक में / अथवा
2. किसी पठित गद्यांश/छोटे अंश से अर्थबोध या व्याकरण सम्बन्धी विविध छोटे-छोटे प्रश्नों के उत्तर तैयार करना विद्यार्थियों को सिखाना
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24 मई
|
मन्नू भंडारी समूह
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29
|
श्री नीलेश अग्रवाल
|
द्विवेदी
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1.गज़ल - फ़िराक गोरखपुरी : की भाषा एवं भावपक्ष का समुचित सम्प्रेषण/अथवा
2. सोदाहरण एक फीचर तैयार करना सिखाना
|
24 मई
|
बच्चन समूह
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30
|
श्री धमेन्द्र
|
मुक्तिबोध
|
1.संतो देखत जग बौराना – कबीर : समकालीन संदर्भ में समुचित रूप से सम्प्रेषण
/अथवा
2. उच्चतर कक्षा में श्रवण-कौशल सिखाने हेतु कक्षा में विद्यार्थियों के साथ एक सोदाहरण प्रयोग
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24 मई
|
द्विवेदी समूह
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31
|
श्री शिवनारायण शर्मा
|
मन्नू
|
1.हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर - अक्क महादेवी : कविता का भाव एवं कलापक्ष
/अथवा
2. मियां नसीरुद्दीन-कृष्णा सोबती : पारम्परिक कलाओं का संदर्भ और बदलत परिवेश -
|
24 मई
|
मुक्तिबोध समूह
|
32
|
श्री अवध बिहारी सिंह
|
द्विवेदी
|
1.लक्ष्मण-मूर्च्छा और राम का विलाप – तुलसीदास : से अंश लेकर समकालीन प्रासंगिकता के साथ विवेचन
/अथवा
2. रजनी - मन्नू भंडारी : पटकथा के विशिष्ट तत्वों की पहचान कराना
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26 मई
|
मन्नू भंडारी समूह
|
33
|
श्री शैलेन्द्र कुमार शर्मा
|
मुक्तिबोध
|
1.जूझ - डॉ. आनंद यादव : एक संघर्ष की गाथा के रूप में मूल्यों का सम्प्रेषण-/अथवा
2. राजस्थान की रजन बूंदें- अनुपम मिश्र
|
26 मई
|
बच्चन समूह
|
34
|
डॉ. विष्णु कांत त्रिपाठी
|
मन्नू
|
1.भारत-माता - जवाहरलाल नेहरू : पाठ का तत्कालीन परिस्थितियों और सामयिक समय में तुलनात्मक विवेचन/ अथवा
2. सिल्वर वैडिंग - मनोहर श्याम जोशी
|
26 मई
|
द्विवेदी समूह
|
35
|
श्रीमती सुनीता लोहरा
|
द्विवेदी
|
1.आत्मपरिचय - हरिवंश राय बच्चन : का भाव-पक्ष / अथवा
2. उच्चतर कक्षा में वाचन-कौशल सिखाने हेतु कक्षा में विद्यार्थियों के साथ एक सोदहरण प्रयोग
|
26 मई
|
मुक्तिबोध समूह
|
36
|
डॉ. प्रकाश ठाकुर
|
मन्नू
|
1.नमक- रज़िया सज्जाद ज़हीर : कहानी की कहानी कला और कथ्य का सम्प्रेषण /अथवा
2. पत्रकारिता एवं जनसंचार से किसी एक बिन्दु पर प्रस्तुतिकरण
|
26 मई
|
बच्चन समूह
|
नोट : 1.
पाठ-प्रस्तुतिकरण में दो विकल्प हैं जिनमें से एक पर प्रस्तुति दिया जाना अनिवार्य
है।
2. आबंटित
शीर्षक अपरिवर्तनीय रहेंगे ।
3. आपके
द्वारा पूर्व से तैयार किसी अन्य विषय पर जमा की जाने वाली पीपीटी शिविर की उत्पादित
निधि होगी।
4. पाठ-
प्रस्तुतिकरण के संभावित दिनांक सामान्यत: अपरिवर्तनशील रहेंगे ।
5. पाठ-प्रस्तुतिकरण का समय 20 मिनिट और समीक्षा का समय
5 मिनिट है। इसके लिए घंटी संकेत रखा गया है। ताकि समुचित समय में सभी के प्रस्तुतिकरण
हो सकें।
पाठ-समीक्षा
18/05/2018
|
सुश्री
गीता मर्दवाल
|
हरिवंशराय
बच्चन
|
शत्रुघ्न
सिंह
|
हजारीप्रसाद
द्विवेदी
|
1.कवि के रचना दर्शन की संक्षिप्त व्याख्या
2. कला पक्ष पर और अधिक ध्यान |
18.05.2018
|
श्री
तेज नारायण सिंह
|
हरिवंश
राय बच्चन समूह
|
डॉ
वी के त्रिपाठी
|
मन्नू
भंडारी
|
पाठ
का प्रारम्भ सुंदर काव्य- उदाहरण से किया गया । मूल नाम का उल्लेख करते हुए कवि
परिचय और कृतित्व परिचय कराया गया । पूर्व ज्ञान का परिपेक्ष्य ग्रहण करते हुए
शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट की गई । ज्ञानेन्द्रियों
के उदाहरण देते हुए आंख की महत्ता को बताया गया । भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषक
औरकृषि के
महत्व की चर्चा की गई । पाठ की विषयवस्तु
के अनुरूप व्याख्यान पद्धति गंभीर और संवेदना से
परिपूर्ण रही।
अनुभूति और भाव पक्ष पर चर्चा की गई । आदर्श पाठ वाचन के द्वारा कविता की व्याख्या की गई ।किसान के शोषण और अत्याचार की घटनाओं का उल्लेख करते हुए पाठ में आए शब्दों का अर्थ स्पष्ट किया गया । भाव के संदर्भ में विद्यार्थी आधारित अधिगम पद्धति का अनुसरण करते हुए कविता के शिल्प पक्ष पर भी प्रकाश डाला गया जिसमें अलंकार और मुहावरों की भी चर्चा की गई । गाँव और कृषि कर्म के द्वारा समाज की सच्चाइयों से अवगत कराया गया । पीपीटी के माध्यम से पाठ सामग्री को दृश्य माध्यम में प्रस्तुत की गई । |
18/05/2018
|
श्रीमती
अय्यर रेवती राजाराम
|
मुक्तिबोध
समूह
|
डॉ.
योगेन्द्र कुमार पाण्डेय
|
बच्चन
समूह
|
अलंकार
शीर्षक के अंतर्गत पाठ योजना की उत्तम प्रस्तुति की गई।प्रस्तावना के प्रासंगिक
प्रश्नों की सहायता से विषय प्रवेश किया गया।व्याकरण शिक्षण के लिए आगमन व
सहभागिता विधियों का प्रयोग किया गया।प्रश्नोत्तर,
उदाहरण,
गायन आदि का प्रविधियों के रूप में प्रयोग किया गया।शिक्षक की
भाषा सम्प्रेषणीयता समुचित रही।विद्यार्थियों की सहभागिता निरंतर ली गई।कन्नड़, मराठी व हिंदी आदि भाषाओं के विभिन्न गीतों और
सिनेमाई गीतों के
लोकप्रिय मुखड़ों का प्रयोग कर इन्हें अनुप्रास,
यमक,
उपमा आदि अलंकारों से सम्बद्ध किया गया।समय सीमा में
पूरित यह शिक्षण सफल रहा पर 11 वीं
व 12 वीं
के काव्य पाठों में दिए अलंकार के उदाहरणों से भी इसे सम्बद्ध करना था।उदाहरणों
के तौर पर हिन्दी फिल्मों से अन्य अधिक औचित्यपूर्ण व विद्यार्थियों के स्तर के
अधिक अनुकूल गीतों का चयन किया जा सकता था।
|
19/05/2018
|
श्री
सोहन राम गौतम
|
मुक्ति
बोध समूह
|
श्रीमती
अनुराधा पाण्डेय
|
मन्नु
भंडारी समूह
|
पाठ
प्रस्तुति उत्तम ।शिक्षण अधिगम उद्देश्य स्पष्ट किया गया।श्याम पट का प्रयोग
किया गया।सस्वर वाचन भावार्थ प्रस्तुति ।शिल्प सौन्दर्य स्पष्ट किया गया।समग्रता में यह पाठ एक सफल एवं
उत्कृष्ट था।
|
19/05/2018
|
शरीफ़
आलम
|
हजारी
प्रसाद द्विवेदी
|
शैलेन्द्र
कुमार शर्मा
|
मुक्तिबोध
|
1. पाठ की प्रस्तावना रोचक और रुचि
जगाने वाली थी
2. कक्षा की पूर्ण सहभागिता रही , आदर्श और अनुकरण वाचन किया गया 3. कक्षा के सहयोग से कठिन शब्दों के अर्थ बताये गये 4. तत्कालीन सामाजिक और आर्थिक स्थितियों से परिचित कराया गया 5. संगणक का प्रयोग किया गया. 6. शिक्षक का सम्प्रेषण कौशल सराहनीय था. |
19/5/2018
|
डॉ
नीति शास्त्री
|
मन्नू
भंडारी
|
संजय
कुमार काटोले
|
द्विवेदी
समूह
|
शिक्षिका
ने आत्मविश्वास के साथ "मेरी
कल्पना का आदर्श समाज ' पाठ
का अध्यापन किया । कक्षा सक्रिय रही । ICT
का प्रयोग कर पाठ को रोचक बनाया गया । पाठ की
भूमिका अधिक लम्बी होने कारण पाठ की शुरुआत में देर हुई ।
शब्दों का चयन ,प्रयोग एवं उच्चारण पर विशेष ध्यान दिया जाए । |
१९/०५/२०१८
|
Satyalaxmi madam
|
Mannu Bhadari
|
Pramod kumar Sharma
|
Gajanan Madab Muktibodh
|
भकि्तन
विषय में आगमन सफल, विषय बताया गया, कक्षा में सहभागिता रही, महादेवी द्वारा बताए गए सामाजिक बुराइयों की ओर भी इंगित किया गया, बाल विवाह पंचायत द्वारा जबरन विवाह थोपा जाना पारिवारिक विघटन संयुक्त परिवार के टूटने की परंपरा इन सब पर विस्तार से प्रकाश डाला गया, मिलाजुला कर सत्य लक्ष्मी मैडम का संप्रेषण कौशल नितांत प्रशंसनीय रहा और कक्षा को एक सूत्र में बांधने में वह सफल हुई |
19 मई 2018
|
सत्य
लक्ष्मी
|
मन्नू
भंडारी समूह
|
प्रमोद
कुमार शर्मा
|
गजानन
माधव मुक्तिबोध
|
भकि्तन
विषय में आगमन सफल, विषय बताया गया, कक्षा में सहभागिता रही, महादेवी द्वारा बताए गए सामाजिक बुराइयों की ओर भी इंगित किया गया, बाल विवाह पंचायत द्वारा जबरन विवाह थोपा जाना पारिवारिक विघटन संयुक्त परिवार के टूटने की परंपरा इन सब पर विस्तार से प्रकाश डाला गया, मिलाजुला कर सत्य लक्ष्मी मैडम का संप्रेषण कौशल नितांत प्रशंसनीय रहा और कक्षा को एक सूत्र में बांधने में वह सफल हुई |
20.05.2018
|
श्री
अश्विनी शिवहरे
|
बच्चन
|
श्री
भूपेश सिंह
|
द्विवेदी
समूह
|
पाठ
का नाम - बाज़ार दर्शन । पाठ बड़ा ही सरसता के साथ पढ़ाया गया। पाठ की भूमिका बाज़ार
के चित्र एवं संगणक के माध्यम से प्रभावी रहा। बाज़ार का समकालीन स्थिति का वर्णन
एव समानता प्रस्तुत किया गया। विषय को कक्षा के सहयोग से पढ़ाया गया। गृह कार्य
दिया गया। पूर्व
ज्ञान में सी बी एस सी के अंतर्गत पाठ
'उपभोक्तावाद की संस्कृति' पात से और प्रभावी हो सकता था। बाजार की विशेषता मे सामाजिक समरसता को अंत मे बताया गया , जो पहले बताया जा सकता था ।
|
20/05/2018
|
श्री
किशोर पांचाले
|
मुक्तिबोध
|
श्रीमती
सीमा शर्मा
|
मन्नू
भंडारी
|
श्री
किशोर पांचाले जी द्वारा "रुबाइयाँ-फ़िराक
गोरखपुरी : भाषिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत"
पर पाठ योजना प्रस्तुत की गई | पूर्व-ज्ञान द्वारा पाठ में प्रवेश किया गया |अन्य रोचक रुबाइयों द्वारा पाठ को रोचक बनाने का
प्रयास किया गया | रुबाई
शब्द की उत्पत्ति पर प्रकाश डाला गया |पाठ
का प्रस्तुतीकरण और सम्प्रेषण अति उत्तम रहा |बोध-
सामग्री की जाँच हेतु विविध प्रश्न पूछे गए |
प्रत्येक रुबाई के बाद बिम्बों पर प्रकाश डालने पर
और अच्छा होता | समग्र
प्रभाव अच्छा रहा |
|
20.05.18
|
श्री
महेश पाण्डेय
|
हरिवंश
राय बच्चन
|
श्रीमती
संध्या पंवार
|
हज़ारी
प्रसाद द्विवेदी
|
श्री
महेश पाण्डेय जी ने बहुत खूबसूरत शब्दों में
'अतीत में दबे पांव'
पढ़ाया,
जिसे ओम थानवी जी ने लिखा है। श्री महेश जी ने
निर्धारित समय में पाठ को पूर्ण किया। पाठ के लगभग सभी पक्षों को उठाया। भाषा
संप्रेषण बहुत अच्छा रहा। कक्षा अत्यंत सजीव रही। सभी विद्यार्थियों ने इसमें
अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज़ की। विषय वस्तु को पूर्णतः स्पष्ट किया। ऐतिहासिक
विषय की भरपूर जानकारी । कक्षा एवं गृहकार्य भी दिया गया। पाठ प्रस्तुतीकरण में
केवल एक कमी देखने को मिली की श्री महेश जी ने अपने विद्यार्थियों के पूर्व
ज्ञान नहीं जाँचा। कुल मिला कर पाठ प्रस्तुतीकरण प्रभावशाली था।
|
20/05/2018
|
श्रीमती
शोभना पी. के.
|
मुक्तिबोध
|
शिव
नारायण शर्मा
|
मन्नू
भंडारी
|
"श्रीमती शोभना पी.के." द्वारा गुजराती कवि 'उमाशंकर जोशी'
की कविता
"बगुलों के पंख"
का
'अनुवाद विधा के लिहाज से भाव रूपांतरण का सौंदर्य' के परिप्रेक्ष्य में पाठ प्रस्तुत किया गया | शिक्षिका द्वारा सर्वप्रथम कवि
परिचय के साथ पाठ की शुरुआत की गई |
पूर्वज्ञान पद्धति के अनुगमन के साथ ही पाठ -
शिक्षण में प्रवेश किया गया | पाठ
से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी द्वारा विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान की परख की गई | पाठ शिक्षण और कक्षा का वातावरण अत्यंत सक्रिय रहा
| सभी विद्यार्थियों ने अत्यंत उत्साह और जिज्ञासा के
साथ पाठ के
उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए भागीदारी की
| शिक्षिका द्वारा वस्तु विधि का प्रयोग करते हुए चित्रों/कंप्यूटर सामग्रियों का प्रदर्शन कर पाठ के विषय में ज्ञान प्रदान किया
गया | लघु
वृत्त-चित्र के माध्यम से तथा पाठ के आदर्श वाचन द्वारा कक्षा में सुन्दर ढंग से
काव्य वातावरण निर्मित किया गया |
कविता के शिल्प पक्ष पर चर्चा करते हुए अलंकार, मुहावरे,
भाषा और कोमल शब्दों की योजना पर प्रकाश डाला गया | भाव संप्रेषणीयता की चर्चा करते हुए शिक्षिका ने
अत्यंत कुशलता के साथ निगमनात्मक विधि प्रयुक्त करते हुए कविता के भाव को सुंदर
उदाहरणों द्वारा स्पष्ट किया | विषय
के सापेक्ष कविता के हिंदी अनुवादक द्वय
'श्री रघुवीर चौधरी'
और
'श्री भोला भाई पटेल'
के अनुवाद कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए यह
स्पष्ट किया गया कि कविता की भावधारा और भाषा प्रवाह नदी की तरह निर्मल है | सरस और सुबोध शब्दों का प्रयोग करते हुए मूल कविता
के भाव और सौंदर्य को भलीभांति हिंदी भाषा में रूपांतरित करने में सफलता प्राप्त
की है | यद्यपि
कविता के भाव सौंदर्य की विशिष्टता को स्पष्ट करने के लिए "निराला" और "हरिऔध" जैसे कवियों के इसी भाव से
सम्बंधित कविताओं का उदाहरण दिया जा सकता था ;
तथापि अन्य मूलभूत प्रविधियों का प्रयोग करते हुए
यथा -श्यामपट्ट कार्य ,पाठ
वाचन, परियोजना
कार्य ,प्रश्नोत्तरी
और विद्यार्थियों के सक्रिय सहभागिता से
कक्षा-पाठ- शिक्षण अत्यंत प्रभावी और सफल रहा |
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21-05-18
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अचल
सिंह मीणा
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बच्चन
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सुनीता
लोहरा
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द्विवेदी
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पाठ
योजना की सभी बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए गजल विधा का प्रभावशाली सम्प्रेषण करते
हुए सफल शिक्षण रहा
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18/05/2018
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डॉ.
अमिताभ शर्मा
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बच्चन
समूह
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डॉ.
रवीन्द्र कुमार दुबे
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मुक्तिबोध
समूह
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पाठ
प्रस्तुति
कार्यालयी पत्र - डॉ. अमिताभ शर्मा समीक्षा- डॉ. शर्मा ने पूर्व पीठिका के रूप में लुप्त होती पत्र-लेखन परम्परा के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए पत्र-लेखन की आवश्यकता पर बल दिया । उन्होंने कार्यालयी पत्र के अन्तर्गत आवेदन-पत्र/शिकायती पत्र के प्रारुप एवं विषय-वस्तु की विस्तार से जानकारी दी। इस कार्य के लिए उन्होंने श्वेत पट्ट और पीपीटी का समुचित उपयोग किया। साथ ही साथ पत्र लेखन से संबंधित अंक विभाजन से भी अवगत कराया। कक्षा को सक्रिय बनाते हुए शर्मा जी पत्र लेखन कला समझाने में पूर्णतः सफल रहे। श्री शर्मा जी की पाठ प्रस्तुति में यदि एक लिखित पत्र का उदाहरण होता तो अधिक स्पष्टता होती। पत्र में संदर्भ एवं प्रतिलिपि जोड़ने से पत्र अधिक विस्तृत हो जाएगा तथा विद्यार्थियों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होगी अतः सामान्य प्रारुप की जानकारी देना ही अधिक उचित होगा। सदन में पत्र-प्रारुप के प्रचलित हिन्दी पत्र-प्रारुप और अंग्रेजी पत्र-प्रारुप में से किसे उपयुक्त माना जाए, इस पर चर्चा भी हुई। निष्कर्ष यह रहा कि अंग्रेजी पत्र प्रारुप को हिन्दी में स्वीकार कर लिया गया है, उसे उपयुक्त माना जाए किन्तु विद्यार्थी द्वारा प्रचलित हिन्दी पत्र प्रारुप अपनाए जाने पर उसे भी स्वीकार किया जाए। समीक्षक- डॉ. रवीन्द्र कुमार दुबे |
21 5 2018
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श्रीमती
सीमा शर्मा
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मन्नू
भंडारी समूह
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श्री
महेश पाण्डेय
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बच्चन
समूह
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समीक्ष्य
पाठ-आओ मिलकर बचाएँ
कक्षा 11 वीं के इस काव्यपाठ में विषय प्रवेश के लिए शिक्षिका ने झारखंड व देश की आदिवासी संस्कृति के बारे में समीचीन प्रश्न पूछते हुए विद्यार्थियों की सहभागिता ली।पॉवर प्वाइंट के माध्यम से कविता को जीवंत करते हुए उन्होंने झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र की संस्कृति से अवगत कराया।इस संस्कृति पर आने वाले खतरों की विवेचना करते हुए उन्होंने कवयित्री निर्मला पुतुल के दृष्टिकोण को सामयिक संदर्भों से जोड़ा। उपयुक्त शिक्षण विधियों के प्रयोग से उन्होंने मुक्त छंद वाले पाठ को भी रोचक, जीवंत व सरस बना दिया।पाठ योजना के सभी मानक चरणों का अत्युत्तम रीति से पालन किया गया।कवयित्री की लिखी अन्य काव्य पंक्तियों को उद्धृत करते हुए उन्होंने उस क्षेत्र की माटी की पीड़ा को मुखर किया।पाठ प्रस्तुति समयबद्ध, प्रभावी व सफल रही। महेश पाण्डेय |
21.05.2018
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डॉ
बी उमापति जैन
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मन्नू
भंडारी
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डा.
अमिताभ शर्मा
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बच्चन
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प्रस्तुतकर्ता ने सुकरात शैली का प्रयोग करते हुए पाठ का आरंभ
किया। उच्चारण शुद्धता एवं संप्रेषणीयता श्रेष्ठ,
व्यास शैली का समुचित प्रयोग. पाठ को वर्तमान
संदर्भों से जोडा गया . समग्र प्रस्ततुतीकरण उत्तम कोटि का रहा ।
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21/05/2018
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श्री
अंचल सिंह मीणा
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हरिवंश
राय बच्चन समूह
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श्रीमती
सुनीता लोहरा
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हजारी
प्रसाद द्विवेदी समूह
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पाठ
योजना की सभी बिंदुओं पर चर्चा की गई गजल विधा को प्रभावी ढंग से पढ़ाया गया
प्रस्तावना विषय वस्तु का विस्तार प्रश्नोत्तरी विधि से किया गया कक्षा कार्य
एवं परियोजना कार्य भी दिए गए
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21 5 2018
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श्री
संजय कुमार काटोले
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द्विवेदी
समूह
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डॉ.
अश्विनी कुमार शिवहरे।
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बच्चन
समूह
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हिंदी
महीनों के बारे में विद्यार्थियों से प्रश्न पूछते हुए शिक्षक ने विषय प्रवेश
कराया।पावर प्वाइंट के प्रयोग के माध्यम से भीषण गर्मी, सूखे और किसानों तथा आम लोगों द्वारा बारिश की
प्रतीक्षा के बिंब प्रस्तुत किए गए।प्रतिभागियों की सहायता से प्रश्नोत्तर, व्याख्यान व संवाद शैली से पाठ का विकास किया
गया।इन्दर सेना पर पानी फेंके जाने के उचित व अनुचित दोनों पहलुओं पर प्रकाश
डालते हुए इन्हें आज के संदर्भों से जोड़ा गया।सभी शिक्षण बिंदुओं का अनुसरण करते
हुए सराहनीय पाठ योजना प्रस्तुत की गई।
डॉ. अश्विनी कुमार शिवहरे। |
21 5 2018
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श्री
संजय कुमार काटोले
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द्विवेदी
समूह
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डॉ.
अश्विनी कुमार शिवहरे।
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बच्चन
समूह
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हिंदी
महीनों के बारे में विद्यार्थियों से प्रश्न पूछते हुए शिक्षक ने विषय प्रवेश
कराया।पावर प्वाइंट के प्रयोग के माध्यम से भीषण गर्मी, सूखे और किसानों तथा आम लोगों द्वारा बारिश की
प्रतीक्षा के बिंब प्रस्तुत किए गए।प्रतिभागियों की सहायता से प्रश्नोत्तर, व्याख्यान व संवाद शैली से पाठ का विकास किया
गया।इन्दर सेना पर पानी फेंके जाने के उचित व अनुचित दोनों पहलुओं पर प्रकाश
डालते हुए इन्हें आज के संदर्भों से जोड़ा गया।सभी शिक्षण बिंदुओं का अनुसरण करते
हुए सराहनीय पाठ योजना प्रस्तुत की गई।लेखक धर्मवीर भारती के साहित्यिक अवदान से
भी परिचित कराया गया।
डॉ. अश्विनी कुमार शिवहरे। |
21/5/2018
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श्री
विजय कुमार मिश्र
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मुकतिबोध
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अवध
बिहारी सिंह
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हजारीप्रसाद द्विवेदी
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आज
पाठ शिक्षण गतिविधि के अंतर्गत मुक्तिबोध समूह के श्री विजयकुमार मिश्र जी ने
भवानीप्रसाद मिश्र जी की " घर की याद " कविता का सुनियोजित अध्यापन किया। पाठ की प्रस्तुति पूर्व ज्ञान से जोड़कर की गई ।आदर्श पाठ और अनुकरण पाठ दोनो उच्च स्तरीय रहे।कक्षा सक्रिय और गति शील और रोचक रही। भाव बोध कराने मे शिक्षक पूरी तरह सफल रहे। काव्य के शिल्प पक्ष -भाषा सौन्दर्य ;अलंकार और शब्द शक्ति पर भी प्रकाश डाल दिया गया होता तो पाठ का स्तर और बेहतर हो जाता ।कुल मिलाकर पाठ की प्रस्तुति बहुत अच्छी रही। |
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